यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
चधक नहीॊ होनी िाटहए अथाततइनका कामतकार बी एक सप्ताह हो | जो ऩिकाय इस सबा भें सफसे ज्मादा फाय आमेगा उ

सका िमन आगे एक ननधातरयत रम्फे सभम के लरए स्थाई सदस्मों की एक अरग पोयभ के लरए होगा | मह अरग पो

यभ अस्थाई सदस्मों की रयऩोित को अष्ट्न्तभ रयऩोित देगा | इनका कामतकार तीन भाह से दो वषत के भध्म क


छ बी हो स

कता है |

कपल्ड भें काम तकयने वारे ऩिकायों व सॊस्थानो के भालरकों औय एडलभन कयने वारे रोगो के भध्म िकयाव ना हो इसलर

ए इनके सदस्मों की सॊख्मा भें तीस प्रनतशत रोग भालरको औय एडलभन कयने वारे रोग से आमे | इससे हय खफय के

अन्म साभाष्ट्जक ऩहर


के साथ सभन्वम फना यह सके |

सॊवैधाननक दृष्ट्श्िकोण से देखा जामे तो मह ऩ


णततमा सॊववधान के सॊयऺक भाननीम यारिऩनत भहोदम के अन


रूऩ है | जन

सॊदेलशकाके भाध्मभ से उन तक रगाताय जनता की बावना ऩह


ॊिने का एक भागत जो क


ॊद ऩड़ा है व ख


र जामेगा औय

रोकतॊि के अन्म स्तम्बों की बाॊनत मह बी यारि ननभातण भें सहमोग कयेगा | प्रत्मेक भाह नमेनम ेसॊदेशो औय जन बाव

ना का उनके ऩास ऩह


ॊिने व उनके भाध्मभ से आगे ककमातन्वन के लरए जाने से उनका एक ववशेष अनतववलशस्ि सॊवैधा

ननक अचधकाय सॊगठनो को सराह व टदशाननदेश देने का काम तववर


प्त होने की कगाय ऩय खड़ा है वो ऩ


न् जीववत हो उ

ठेगा जो इस ऩद की गरयभा ऩय यफय स्िेम्ऩ केतभगे को हभेशा के लरए धो देगा |

वततभान भें भीडडमा तकननकी औय ववश्रेषण कयने भें इतना सऺभ हो गमा है कक वो ि


नावी नतीजों से ऩ


वत ऩरयणाभ की

सम्बावना फताता है ष्ट्जसभे ि


टि की सम्बावना फह


त कभ प्रनतशत भें यहती है | इस ग


ण का प्रमोग यारिऩनत भहोदम

जनसॊदेलशका के भाध्मभ से उठा सकते है औय कई यारिीम भ


द्दों ऩय जनता की याम जानकाय उन्ननत का भाग तप्रशस्त

कय सकते है |

सत्म को लभिामा नहीॊ जा सकता है अफ हभायी ईच्छाशष्ट्क्त, बावना, सोि, सभऩतण, कततव्मननरठा, यारिप्रेभ, रोकतॊि भें

आस्था व इसको फनाने औय अन


भोटदत कयने वारो भें हभाये ववश्वास ऩय ननबतय कयेगा की मह कफ साभने भ


ततरूऩ रेकय

आता है |

सत्माऩन


भीडडमाकलभतमों के वववाद, उन ऩय हभरे व अन्म सम्फष्ट्न्धत खफयों ऩय हभ इसे पोवतड कयते यहते हैं । आऩ इसे कहानी

के भाध्मभ से सभझे..... एक याजा ने अऩने दयफाय भें दो रोगों के काभ से प्रसन्न होकय अऩनी इच्छान


साय भाॊगने को

कहाॊ, एक ने धन-दौरत व आरीशान भहर भाॊगा औय द


सये ने सार भें एक फाय याजा को उसके घय का भेहभान फनकय

आने का विन भाॊगा | भीडडमा का सॊवैधाननक िेहया औय कान


नी अचधकाय हय वषत भेहभान फनके आने जैसा ही हैं ।

...... 9 नवम्फय, 2016 का लसफ़त "एक सॊदेश/नोटिस" तम कयेगा िायों स्तॊबों (न्मामऩालरका,


कामतऩालरका, ववधानमका व तथा कचथत भीडडमा) के रोकतॊि भें विस्त व की जॊग व अयफों रुऩमो की फॊदयफाि

ऽफय:- एनडीिीवीॊ-इॊडडमा ऩय जनवयी- 2016 भें वाम


सेना के ऩठानकोि फेस ऩय आतॊकवादी हभरे ऩय प्रसायण के

दौयान यणनीनतक व सॊवेदनशीर जानकारयमों का प्रसाय कयन ेऩय एक टदन का प्रनतफॊध रगा

रोकतन्ि भें अलबव्मष्ट्क्त की आजादी के झण्डे, इसके स्तॊबों की वितस्व की जॊग, कान


नों के प्रनत न्माम व बायतीम

जनता की सयकाय (न की याजनैनतक ऩािी की सयकाय) के बववरम को 9 नवम्फय, 2016 को लसफ़त एक सॊदेश/नोटिस का

प्रसायण तम कयेगा |

वऩछरे 10 वषों भें 28 फाय िी वी िैनरों को एक टदन से दो भटहने तक ऑप एमय ककमा गमा है | ऩहरी फाय ककसी
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