यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
ग्रहण कय यहा है अथातत साभाष्ट्जक एवॊ सावतजननक रूऩ से अऩरयऩक्व है फातें प्रभ


ख थी, फस मही कई नेताओॊ की सोि

का ननिरा स्तय व न्माम भें उनके ववश्वास को जग जाटहय कय टदमा | उन्होने उस व्मष्ट्क्त को आइकॉन फना अऩन े

लरए वोि भाॉगने के लरए आगे कय डारा अथातत मह साबफत कय डारा की उनकी सोि उससे बी ननम्न एवॊ घटिमा दजे

की है |

इस प्रकयण भें सीधे तौय ऩय सॊववधान की यारिीमता वारी भ


र बावना को ही तहस-नहस कय डारा इसलरए सीधे तौय

ऩय यारिऩनत भहोदम को तत्कार कामतवाही कयनी िाटहए क्म


ॉकक वो सेना के प्रभ


ख होने के कायण यारि के लरए अऩनी

जान दाव ऩय रगने वारों को न्मामोचित नहीॊ ढहया सकते ऩयन्त


वे तो मह इॊतज़ाय कयत ेयह गमे की आभ-जनता देश

ववयोधी जो नाये रगे वो उन्हे शधद दय शधद लरखकय दे |



यऺा घेये से फाहय ननकरना, रोगो से लभरना ऎसे छोिे भोिे व्मष्ट्क्तवादी वारे प्रोिोकॉर तोड़ने वारे मटद यारि व

सॊववधान के लरए दो-िाय प्रोिोकॉर तोड़त े तो शामद बववरम भें भयणोऩयाॊत सैननकों के रयश्तेदायों से उस सभम शभत से

आॉखें नहीॊ ि


यानी ऩड़ती जफ उन्हें वीयता औय शौमत ऩ


रुस्काय देंगे |

इस तयह के लभरते ज


रते प्रकयण अफ औय फढेंगे क्म


की बफगड़ ि


के लसस्िभ भें ववयोध दजत कयाने का कोइ भागत ही

नहीॊ है जो एक अकेरे इॊशान के लरए बी साथकत हो | इन सफसे फिने का ववकलसत लसस्िभ का एक साॊकेनतक प्रारूऩ

हभ प्रभाण के साथ वषों ऩहरे अऩने अववरकाय असरी स्वत् ि


िने वारी लसरयजॊ के साथ दे ि


के है ष्ट्जस ऩय यारिऩनत

भहोदम का अॊनतभ ननणतम वऩछ्रे िाय वषो से रॊबफत ऩड़ा है |

मटद आत्भा, टदर, िरयि की फात कये तो अफ बी यारिऩनत भहोदम क


छ नहीॊ कयेंगे | जफ उऩाम होन े के फावज


द एक

लभनि भें एक इॊशान भय यहा है व कई नमे नमे घातक वामयस ऩनऩ यहे है तफ बी क


छ नहीॊ कय यहे कपय मह तो

ष्ट्जॊदगी ष्ट्जने के तरयके से ज


ड़ा है |

इसे एक आन्दोरन के सभथतक व ववयोधी के रूऩ भें नहीॊ रें फष्ट्ल्क मे देखे की हभायी सोि एक व्मवस्था के स्तय तक

की नहीॊ ह


ई हैं । हभ व्मवस्था के अन्दय यहकय सफक


छ ठीक कयने की कोलशश कयते हैं तो उल्िा ज्मादा फफातदी होती हैं

। आऩ इस तयह सभझे की एक फस को धक्का रगाना हो तो हभ अन्दय फैठे - फैठे नहीॊ रगा सकते फष्ट्ल्क उसके लरए

फाहय ननकरना ऩडता हैं कपय धक्का रगाना ऩडता हैं । हभायी रोकताॊबिक व्मवस्था के लरए बी इसी सोि को फाहय रे

जाकय सही कयना ऩडेंगा | इस कायण हभनें लसस्िभ को सभमान




र मा अऩडेि कयने के साथ एक अरग तरयके की

फात कयी |

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


अरना आॊदोरन के दो भहत्वऩ


णष चहे ये ऩहरे कटहमो की बाॊनत व कई आभ आदभी ऩािी के चहे ये द


सये दरों


भें शासभर ह



ए|


ववऻान की बाषा भें सभझे तो ऐसे जनता के लरए केजयीवार व कई सभथतको का अन्ना आॊदोरन के फाद याजनीनतभें



सकय "आत्भहत्मा" कयने वारा कदभ भाना जामेगा | ष्ट्जस प्रकाय जीव-ववऻान भें कई ऐसी कोलशकाएॊ मा सेर होती

है जो बोजन के लरए मा लशकाय के लरए अऩने आऩ को खत्भ कयके अऩने जहय / यसामन / स्राइवा / स्राव को बोजन

मा लशकाय के शयीय भें घ


सा देती है | इॊशानी शयीय भें ऐसे ही कई फीभारयमो व कैंसय से रड़ा बी जाता है | इस
Free download pdf