biranishri
(Biranishri)
#1
अऩनी कामतवाही भें स्वमॊ ही व्मवस्था का यामता फना सड़को ऩय पैराती है। मटद भैं इसको सभझ ऩामा तबी सॊबव है
की अऩडेि / सभमान
ु
क
ू
र व्मवस्था भें घिनाएॊ हो ही नहीॊ उसका खाका फनवाकय स्थाई कय सक
ू
।
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
सॊववधान की याख भें ढ
ु
ढने से बी नही ॊ सभर यहा रोकतॊत्र!
ऽफय:- उत्तयाखॊड भें सता का खेर, ष्ट्जसभें घसीिे गमे रोकतॊि के तीनों स्तॊब व लसफ़त कहने भाि वारा िौथा
स्तम्ब
बायत द
ु
ननमा का सफसे फड़ा रोकतॊि है मह लसफ़त कहने बय के लरए यह गमा है वास्तव भें मह अफ "सता का ब
ू
खा"
सफसे फड़ा तन्ि फन गमा है | सोलशमर भीडडमा से फयसें ऻान से रगने रगा है कक श
ु
रुआत के िॊद भहीनों के फाद स े
रेकय आजतक लसफ़त जनता के नाभ ऩय जनता को तन्ि के तॊिों भें पासकय यखा है |
21 वीॊ सदी भें ववदेशी फेशाणखमो के सहाये फ
ु
रेि िेन ऩय सवायी को आत
ु
य देश व अॊतरयऺ भें उऩरष्ट्धधमों का ऩयिभ
रहया के द
ू
सये देशों के उऩग्रह स्थावऩत कयने वारे यारि की व्मवस्था वारी यफ्ताय ने इतनी बद वऩिवाई की ऎसा रगा
की सयकायी पाइरों को ऩह
ु
िाने वारी लसस्िभ की गाड़ी भें एक िामय िैक्िय का द
ु
सया साइककर का तीसया ट्म
ु
फरेस व
िौथा ऩॊिय व जैक के सऩोित से िरने वारा है |
उत्तयाखॊड के भ
ु
ख्मभॊिी के ष्ट्स्िॊग का वीडडमो ष्ट्जस यफ्ताय से घय-घय की िीववमों भें वाइयर होता है, सयकाय त
ु
यन्त
जाॉि कयवा रेती है व ऩरक झऩकते ही तकनीकी प्रमोगशारा वीडडमो के सि हो जाने की ऩ
ु
ष्ट्रि कय डारती है व केन्र
सयकाय यारिऩनत-शासन को हवाई मािाओॊ की छाव भें सभम को फिाते ह
ु
ए अन
ु
भनत देती है व यारिऩनत-बवन भें िाय
शेय कागज ऩय छऩ जाने को आत
ु
य खड़े यहते है मह सफ तफ होता है जफ उच्ितभ न्मामारम अऩनी कामतवाही की
तायीख इसलरए फढ़ा देता है कक याज्म की रयऩोिें वारी पाइर उस तक ऩह
ु
ॉिी ही नहीॊ |
भ
ु
ख्मभॊिी की क
ु
सी भानो फच्िो के िेमय येस वारी क
ु
सी फनकय यह गई | जनता के प्रनतननचध कहराने वारे याजनैनतक
ऩाटितमों से टदभागी तौय व इनके अन्धे कान
ू
नों से फन्धे ववधामक उसके िायों ओय ऊऩय िढ़न ेका वऩयालभड फना यहे है व
बफगाड़ यहे है |
इस ऩय िढ़कय जो फैठ गमा वो भ
ु
ख्मभॊिी व ववधामकों का वऩयालभड घ
ू
भा (ऩऺ हो मा ववऩऺ) तो िरा गमा भ
ु
ख्मभॊिी |
इस तयह का वऩयालभड लसद्ाॊतो से ना के फयाफय अवऩत
ु
भन की सोि से फनते टदखे ऩता नहीॊ भन कफ ककस राब व
स्वाथत की िासनी भें ड
ू
फ यहा था | ऐसा हभ नहीॊ कह यहे अवऩत
ु
ष्ट्जस तयह से भ
ु
ख्मभॊिी का हिना, कपय फनना, कपय
हिना ओय कपय फन जाना जनता को प्राभाणणकता के साथ भान रेने को भजफ
ू
य कयते है |
न्माम के खेर भें न्माम का हथौड़ा उत्तयाखॊड के हाईकोित से उच्ितभ न्मारम तक ख
ू
फ ठोका जाता है | इसभें जनता
को ऩता ही नहीॊ ऩड़ा की हथौड़ा क
ु
सी ऩय ऩड़ा मा िेफर ऩय ऩड़ा मा िाॊसपय के रूऩ भें न्मामाधीश के ऩैय ऩय ऩड़ा मा
टदल्री से राव-रश्कय के साथ ि
ू
ि ऩड़े फड़-ेफड़े वकीरों से अदारत की गरयभा फिाने के लरए ऩड़ा मा सयकाय को उसकी
हद भें यखने को ऩड़ा मा सॊववधान के सॊयऺक यारिऩनत-भहोदम को जगान ेव उनके कानों को झॊझनाने के लरए ऩड़ा |
ष्ट्जस प्रकाय आभ जनता को न्माम लभरने भें वषो रगते है उससे ऐसा रगता है की सटदमाॉ फीत जामेगी ऩय सि कबी
अऩना िेहया टदखाने बी नहीॊ आमेगा |