यदि मैं राष्ट्रपति होता!

(Biranishri) #1
भहोदम के ननणतम ऩय ही तम कयेगा कक बायत ववश्वग


रु फनेगा मा सड़को ऩय क्राष्ट्न्त के नाभ ऩय तोड़-पोड़, बायत-फॊद,

बीड़ के उत्ऩाद के नाभ ऩय सॊग्राभ कयेगा व उससे भ


ष्ट्क्त ऩाने के लरए ऩलशिभी देशो की तयप भ


ॉह रिका कय उम्भीद

की ककयण का इॊतजाय कयेगा की स


मत ऩ


वत नहीॊ ऩलशिभ से उग जामे .......

"रोकतन्ि" भें सदैव मही सभझामा जाता हैं कक उसका केन्र सॊसद हैं औय सायी शष्ट्क्तमाॊ उसी भें ननटहत हैं । इसलरए

सफसे ऩहरे "सॊसद" को सभझ रेना जरूयी हैं औय वहाॊ ककस तयह से उसको िराने वारे कामत कय यहे हैं । इससे

सॊववधान का ऩारन कैसे हो यहा हैं औय रोकतन्ि तफ बी धीये-धीये ऺीण क्मों हो यहा हैं ।

साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -


ववशेष स


चना


हभाया अगरा साइॊटिफपक एनासरससस बायत की सॊसद ऩय होगा |


हभ उसी सॊसद की फात कय यहे है ष्ट्जसभे फैठने वोरो को ककसी ववदेशी ने भाइॊडरेस चि$%@#$ कह टदमा तो भीडडमा

भें ब


िार रा टदमा | इसकी पोि


के उप्ऩय इसके अदॊ य के रोगो की सोि के प्र नतक के रूऩ भें उप्ऩय एक बगवान के

फनामे जानवय की पोिो को रगा दी तो क


छ ही घॊिो भें उनके इसकी ताकत का अहसास तो क्मा स्वाद िखा टदमा |

आजकर इसे "रोकतॊि का भॊटदय" से भटहभा भॊडडत कयके सस्िाॊग प्रणाभ ककमा जा यहा है व यारिीम सम्फधानो भें आने

वारी नई ऩीढ़ी को ऐसा अन


सयण कयने की सराह / उऩदेश / लसख दी जा यही है औय उसे सववधान के आधाय ऩय

न्मामोचित ठहयामा जा यहा है |

हभ तो ज्मादा सभझदाय नहीॊ है इसलरए रोग "ऩािवी पैर" कहते है ऩयन्त


हभें इॊतना नॉरेज जरूय है की वऩछरे कई

वषो से देश की नई ऩीढ़ी, अबी की म


वा व प्रोढ की सीभा भें जाने की दहरीज ऩय खड़े सबी देश वालसमो को जफयदस्त

तयीके से लशऺा, प्रिाय, आॊदोरनों, बाषणो, यैलरमों आटद से घोि घोि कय यिवा डारा की "भहात्भा गाॊधी" यारिवऩता है

जफकक सववधान भें ऐसा क


छ नहीॊ लरखा है अफ "भॊटदय" का ऩता नहीॊ इसे कोनसे ऩन्ने व ककस राइन भें लरखा है |

हभें तो लसपत ऩािवी ऩास का प्रभाण ऩि िाटहए |

इनतहास तो हभें माद यहता नहीॊ औय सास फह


वारे भसारेदाय सीरयमर ष्ट्जसभे आसानी से एक आदभी को 3 - 4 नई

नई ऩष्ट्त्नमा लभर जाती है व इॊशानी अॊगो को अरग अरग कोण, नजरयमे व छेदो से देखने की हभायी आदत से िी.वी.

से प


यसत ही नहीॊ लभर ऩाती इस कायण ककताफे ऩढ़कय इनतहास के फाये भें नॉरेज नहीॊ फढ़ा सकते है ऩयन्त


आऩ

हभायी फ


वद् औय माददास्त ऩय अॊग


री नहीॊ उठा सकते है क्मों की हभें अच्छी तयह माद है की कोनसे हीयो औय हीयोइन

ने भाि भनोयॊजन के लरए फनी कपल्भो भें क्मा खामा, वऩमा, ऩहना, नहीॊ ऩहना, फोरा, तोडा व पाड़ा है | इसलरए मटद

ककसी यारिीम स्तय के फड़े प्रोग्राभ भें फ़ोन रग जामे तो आऩको कयोड़ऩनत फनकय फता सकते है | हभायी सोि का

कभार देखो हभें आज बी माद है की लशडी के साईं फाफा ऩ


यी ष्ट्जॊदगी ि


िी ह


ई भष्ट्ज्जद भें यहे औय जीवन बय सो मे |

आज उनके भयने के फाद िाॉदी के लसहासन, सोने के भ




ि, दीवायो ऩय सोने िाॉदी के खोर िढ़ गए ऩता नहीॊ ककसके

लरए औय क्मों? क्मा मही लसद्ाॊत ष्ट्जसका अन


सयण कयके सॊसद बवन को भॊटदय की उऩभा दी जा यही है | याजनीती

तो हभायी भोिी फ


वद् भें आती नहीॊ ककसी ने फतामा की साभ, दाभ, दॊड, बेद के फाद बगवान फनाने का ब्रह्भास्त

प्रमोग भें आता है |

हभें भॊटदय के नाभ से कभ उसके िराने वारो से नजय लभराने ऩय बी डय रगता है ऩता नहीॊ कफ, ककस फात ऩय िदॊ ा

भाॊग रे मा भॊटदय भें फैठे बगवान का डय टदखा कय हजायो राखो रुऩमे की यसीद हाथ भें ऩकड़ा दे | अफ नमे भॊटदय का

िॊदा कौन कौन भाॊगेगा, क


छ रोगो का कहना है की ऩाॊि सार भें एक फाय भाॊगने का रयवाज जायी है ऩयन्त


अफ भशीन
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