biranishri
(Biranishri)
#1
ग्रहण कय यहा है अथातत साभाष्ट्जक एवॊ सावतजननक रूऩ से अऩरयऩक्व है फातें प्रभ
ु
ख थी, फस मही कई नेताओॊ की सोि
का ननिरा स्तय व न्माम भें उनके ववश्वास को जग जाटहय कय टदमा | उन्होने उस व्मष्ट्क्त को आइकॉन फना अऩन े
लरए वोि भाॉगने के लरए आगे कय डारा अथातत मह साबफत कय डारा की उनकी सोि उससे बी ननम्न एवॊ घटिमा दजे
की है |
इस प्रकयण भें सीधे तौय ऩय सॊववधान की यारिीमता वारी भ
ू
र बावना को ही तहस-नहस कय डारा इसलरए सीधे तौय
ऩय यारिऩनत भहोदम को तत्कार कामतवाही कयनी िाटहए क्म
ू
ॉकक वो सेना के प्रभ
ु
ख होने के कायण यारि के लरए अऩनी
जान दाव ऩय रगने वारों को न्मामोचित नहीॊ ढहया सकते ऩयन्त
ु
वे तो मह इॊतज़ाय कयत ेयह गमे की आभ-जनता देश
ववयोधी जो नाये रगे वो उन्हे शधद दय शधद लरखकय दे |
स
ु
यऺा घेये से फाहय ननकरना, रोगो से लभरना ऎसे छोिे भोिे व्मष्ट्क्तवादी वारे प्रोिोकॉर तोड़ने वारे मटद यारि व
सॊववधान के लरए दो-िाय प्रोिोकॉर तोड़त े तो शामद बववरम भें भयणोऩयाॊत सैननकों के रयश्तेदायों से उस सभम शभत से
आॉखें नहीॊ ि
ु
यानी ऩड़ती जफ उन्हें वीयता औय शौमत ऩ
ु
रुस्काय देंगे |
इस तयह के लभरते ज
ु
रते प्रकयण अफ औय फढेंगे क्म
ू
की बफगड़ ि
ु
के लसस्िभ भें ववयोध दजत कयाने का कोइ भागत ही
नहीॊ है जो एक अकेरे इॊशान के लरए बी साथकत हो | इन सफसे फिने का ववकलसत लसस्िभ का एक साॊकेनतक प्रारूऩ
हभ प्रभाण के साथ वषों ऩहरे अऩने अववरकाय असरी स्वत् ि
ू
िने वारी लसरयजॊ के साथ दे ि
ु
के है ष्ट्जस ऩय यारिऩनत
भहोदम का अॊनतभ ननणतम वऩछ्रे िाय वषो से रॊबफत ऩड़ा है |
मटद आत्भा, टदर, िरयि की फात कये तो अफ बी यारिऩनत भहोदम क
ु
छ नहीॊ कयेंगे | जफ उऩाम होन े के फावज
ू
द एक
लभनि भें एक इॊशान भय यहा है व कई नमे नमे घातक वामयस ऩनऩ यहे है तफ बी क
ु
छ नहीॊ कय यहे कपय मह तो
ष्ट्जॊदगी ष्ट्जने के तरयके से ज
ु
ड़ा है |
इसे एक आन्दोरन के सभथतक व ववयोधी के रूऩ भें नहीॊ रें फष्ट्ल्क मे देखे की हभायी सोि एक व्मवस्था के स्तय तक
की नहीॊ ह
ु
ई हैं । हभ व्मवस्था के अन्दय यहकय सफक
ु
छ ठीक कयने की कोलशश कयते हैं तो उल्िा ज्मादा फफातदी होती हैं
। आऩ इस तयह सभझे की एक फस को धक्का रगाना हो तो हभ अन्दय फैठे - फैठे नहीॊ रगा सकते फष्ट्ल्क उसके लरए
फाहय ननकरना ऩडता हैं कपय धक्का रगाना ऩडता हैं । हभायी रोकताॊबिक व्मवस्था के लरए बी इसी सोि को फाहय रे
जाकय सही कयना ऩडेंगा | इस कायण हभनें लसस्िभ को सभमान
ू
क
ु
र मा अऩडेि कयने के साथ एक अरग तरयके की
फात कयी |
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
अरना आॊदोरन के दो भहत्वऩ
णष चहे ये ऩहरे कटहमो की बाॊनत व कई आभ आदभी ऩािी के चहे ये द
सये दरों
भें शासभर ह
ु
ए|
ववऻान की बाषा भें सभझे तो ऐसे जनता के लरए केजयीवार व कई सभथतको का अन्ना आॊदोरन के फाद याजनीनतभें
घ
ु
सकय "आत्भहत्मा" कयने वारा कदभ भाना जामेगा | ष्ट्जस प्रकाय जीव-ववऻान भें कई ऐसी कोलशकाएॊ मा सेर होती
है जो बोजन के लरए मा लशकाय के लरए अऩने आऩ को खत्भ कयके अऩने जहय / यसामन / स्राइवा / स्राव को बोजन
मा लशकाय के शयीय भें घ
ु
सा देती है | इॊशानी शयीय भें ऐसे ही कई फीभारयमो व कैंसय से रड़ा बी जाता है | इस