biranishri
(Biranishri)
#1
अफ अभेरयका को बी सॊकेत लभर ि
ू
के हैं कक द
ु
ननमा बय के रोकतन्ि अफ खत्भ होने के कयीफ ऩह
ु
ॊि ि
ु
के हैं । इससे
कोई बी सभस्मा खत्भ नहीॊ हो यही हैं ।
इस कायण इसे अऩडेि कयने के लरए उसने अन्तयातरिीम स्तय ऩय लभटिॊग श
ु
रु कय वो लसद्ाॊत फनाने की कोलशश श
ु
रू
कयी हैं ताकक सभम यहते औय ज्मादा जन व धन हानी नहीॊ हो व भानव प्रजानत खड्ड ेभें न धॊस जामे ।
आऩके वैऻननक-ववश्रेषण ने तो 2011 भें ही वो लसद्ाॊत तम कयके उसका एक प्रा रूऩ बी फनाकय बायत के यारिऩनत
भहोदम को बेज टदमा (जो इस ऩ
ु
स्तक के कवय ऩेज ऩय भौज
ू
द हैं) था व आऩ रोगों के साभने आचधकाचधक साईन व
भोहय के साथ कबी का प्रस्त
ु
त कय यखा हैं ।
हभें इतना ऩता हैं कक इन सबी को आगे िरकय आना आऩके वैऻननक-ववश्रेषण की सच्िाई ऩय ही हैं । इस काभ के
लरए इनको वषों रग जामे मा उससे ऩहरे ही रोकतॊि फफातद हो जामे तो बी इनको पकत नहीॊ ऩड़ने वारा हैं क्मोंकक
भयने व फफातद होने के लरए आऩ जैसे अयफों रोग इनके ऩास हैं ।
हभने द
ु
ननमा के रोगों व इॊसाननमत के लरए सफक
ु
छ कय यखा हैं औय प्रस्त
ु
त बी ..... जफ आऩको व ष्ट्जम्भेदायों को
रगेगा तफ सभस्माओॊ के ननदान के साथ हय क्रभफद् श्
ृ
ॊखरा को स्ऩरि औय व्माणखत बी कय देंगे ।
हजायो वषों की तयह बायत को द
ु
फाया ववश्वग
ु
रु व नम्फय वन फनाने की फातें सबी कयते हैं मह रडाई से सबी को
हयाकय जफयन फ
ु
रवाने से सम्बव नहीॊ व बायत की हजायों वषों से सॊस्क
ृ
नत बी नहीॊ हैं । ववश्वग
ु
रु फनने का एक भाि
भागत हैं "ऻान" का जो अरग-अरग धभों के प्राद
ु
तबाव को सभझकय ऩ
ु
यी द
ु
ननमा के ककसी बी उदाहयण से स्थावऩत हो
ि
ु
का हैं । आज द
ु
ननमा बय भें शासन सयकायों के भाध्मभ से होता हैं औय हभ इन्हीॊ सयकायों के आधाय सॊववधान औय
उसकी जननी रोकतन्ि को ऩ
ू
णतत मा स्थावऩत व जीववत कयने का तरयका व ऻान फता यहे हैं ।
साइॊटिकपक-एनालरलसस ...... ... - -
गणत्रॊत-टदवस ऩय ववशेष....
ववश्व-ग
ु
रु फनने की याह ऩय बायत.......
आज बायत अॊग्रेजो से आजादी के फाद इॊडडमा भें सॊववधान राग
ु
होने के टदन को रोकतॊि के रूऩ भें गणतॊि-टदवस का
वषत दय वषत की तयह याष्ट्रिम ऩवत फना यहा है | इसे आऩ साभान्म बाषा भें फथडते मानन जन्भटदवस कह सकते है | मटद
इसे कान
ू
न की ऩरयबाषा भें भें व्मक्त कये तो सॊवैधाननक ऩदों यारिऩनत, भ
ु
ख्म न्मामाधीश, प्रधानभॊिी, याज्मऩार,
भ
ु
ख्मभॊबिमों, भॊबिमो, न्मामाधीशों, साॊसदों, ववधामकों, करेक्ियो, ऩिवारयमों आटद-आटद के जन्भ टदवस फनामे जा यहे है
|
जन्भटदवस फनाने की सोि सॊववधान ननभातताओॊ व स्वॊिता सेनाननमों ने ताककतक सोि के रूऩ भें इस त यह साथकत कयी
की हय एक - दो सप्ताह के अन्तयार भें इन सॊवैधाननक ऩदों ऩय कामतयत रोग उसकी तायीख के अन
ु
साय जन्भटदवस
फना सयकायी धन व सभम दोनों फफातद ना कये |