स्वर्णिम दर्पण
नई दी सं˞ा नंदी लेकन कँ हा जी? हम नह सुधरगे का नारा लेकर खड़ा हो गया इंसान जँहा जगह मली , जँहा मौका मला आँख तरेरते आ गये सारे के ...
अΥमत Υमȁ _____ अमत म बात मान लो मेरी तुम नही रह पाओगी मुझ बन जब चला जाऊं गा म खोजोगी मुझे तुम पागल जैसी कभी बहार म कभी नजार म कभ ...
ालयर MP माला अƷात बाक हर शै तो फानी है पर को भी धड़कन देद अहसास अगर हानी है ार ही ज तक जा बाक हर शै तो फानी है जब दल के दो हे हो ...
7739320850 लोहर पुर, दरभंगा बहार ाचाय- शा नके तन, दघी कला पूव, हाजीपुर, बहार ώवनोद कु मार झा तुम मल गई तो सोचने लगा । जरत थी मुझ ...
उमा 'पुपुन' घर बत करीने से सजाकर रखा है, लेकन ेम भाव से बुलाता नह कोई! अब घर म शु हवा के वेश क भी अनुमत नह फर मेहमान को बुलाए कै ...
9928660047 पदेसर ााता ह दी लूंणखा बीकानेर (राज.) जगदीश θसयाग उतरा मुंह लेकर आये पोषाहार भारी। बोले लकड़ी ख हो गई सारी।। अब बनाये ...
रचना वΥशͿ जीवन डगर के पथक ह हम...... जीवन डगर के पथक ह हम, चलते रहना ही जीवन है, कना, पराजय का सूचक, हम ठहर गये तो, चुनौतयाँ पथ ...
जला-औरया उरदेश सुखवधǢन पोरवाल ●●●●●●● ग से सुंदर सपन से ारा, है मेरा ह दुान | संपूण व म सबसे ारा, है मेरा ह दुान || चारय क धरती ...
9582702387 देवेˮ कु मार मै ढहाना चाहता ं उस दीवार को और बनाना चाहता ं एक ऐसा घर संसार जसके हर कमरे म आती रह नव वचार क रोशनी जस र ...
हसामपुर, जौनपुर, उरदेश आयाǢ यादव दन - रात ह गुजर जाने के लए। गाँव जाने के लए शहर जाने के लए, चल रहे ह सभी मुसाफर अपने-अपने घर जा ...
मंजु लोढ़ा मेरे सखा, सपना मेरा सच हो जाता...। मेरे लाड़ले भगवान, कल ूं नह आए मेरे सपने म... आते तो जीवन खल जाता, मेरा सखा मुझको मल ...
दी दी ववालय शहीद भगत सह कॉलेज से(B.A.honrs Hindi) आमना ख़ातून ख़ातून क क़लम से साज़स रान क या बीमार शहर लखूं तेरे न बत है तू खुद बता ...
मेरठ साΥज़द अली सतरंगी میرٹھی #ग़ज़ल ----------------------- उफ़त म यार मेरा सज़ा दे गया मुझे ला नसीब म था दग़ा दे गया मुझे //1 مجھے گ ...
धानाचाया राजकय बालका हाई ू ल सोहरामऊ उाव डॉ मीनाƶी गंगवार θसफǢ तु͈η #सफ तु सूण सृ के , असं चेहरो म चुना है मेरी आंख ने सफ तु! ये ...
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ώवनǽ ȁ˓ांजβल 'णम दपण' पका दवंगत ए महान साहकार के त अपनी शोक-सेदना कट करते ए यं को डॉ कुँ वर 'बैचन' के पदच का अनुकरण करने के लए ढ़ ...
ώवनय ȁीवाΒव सरकार के एक आदेश के साथ ही लाख लोग बेरोजगारी क चौखट पर पंच गए ह। कोरोना महामारी को देखते ए सीबीएसई बोड का दसव और बार ...
घर का कराया और क से लेकर बजली, पानी, दवाइयां व अ घरेलू खच सबकु छ इसी कामाई पर तो नभर था। अब ये लोग कसके भरोसे अपना आजीवका चलाएंग ...
सόरता सरस बत सरल ह मेरे पता..... कभी-कभी सोचती ं कतने अुत ह.... पर अफ़सोस होता है उस युवा पीढ़ी पर जनको अपने माता- पता का अनुशासन ...
डॉ मीनाƶी अβधकारी संा- ू लुक ग पीजी, कॉलेज, लोधा, बाँसवाड़ा, राजान । संसार म यद सृ क कोई अुत रचना के प म शु, पव, नल ेम का तीक है ...
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