स्वर्णिम दर्पण
7985752901 नयागांव सीतापुर उर देश नीरज शमाǢ वीर ने ाण गंवाए तब आजादी है पाई। भारत क शौय कहानी इस दुनया ने है गाई, वीर ने ाण गंवा ...
बर नगर नदया पम बंगाल (741127) सώवता धर ा यह जीत है?या हार? ।। मानव ही मानव का कर रहा संहार । हां यू तो जीत ही है दानवता क मानवता ...
अंबाह जला मुरैना डॉ एल एस ώकरार भूतेर है महाबली, देव के सरताज !! मानव पर सकं ट बड़ा , आए बचाओ लाज !! भोले शंकर कहते सब, नंदी वाहन ...
झरयागादी,गरडीह रेलवे ेशन जला-गरडीह,झारखंड धीरज कु मार पाठक हम जानते थे क, हमारी भी कहानी के , आखरी पे, आँसुओं से लखी जाएगी, और फ ...
आरती ύ ̊वेदी 'गौरी' झूठा हम हँसते ह न समझोगे ार तु से ही करते ह न समझोगे । कम जीते ादा मरते ह न समझोगे ॥ आँखे भी ह तु समपत अब इन ...
मोह͂द फ़ै जान दाθनश सदय म धूप क दुआएं हो रही बरसात आते ही छत बनाया जा रहा शहर म सब खैरयत से ह गांव म ये दखाया जा रहा है दूसर का घ ...
भोपाल मदेश अचǢना जोशी बड़े हालात खराब है चलो कु छ कमाई के साधन ढूंढते ह ,हम शानो म जीवन तलाशते ह टोकन अब वहां भी मलने लगे ह , चलो ...
बड़ा तालाब, मर माग, रेवाड़ी (हरयाणा) योगेश कौΥशक कतनी खूबसूरत है यह सपन-सी दुनया। हंसना सदा तुम कहती है कल-कल करती नदया।। कभी न कर ...
मला टोला वायरलेस गली कटहार 854105 (बहार) संजय कु मार डोकाθनया म नाण हो गई।। ातः वंदनीय धरा ,भूधरा, वसुंधरा , मां भुनेरी सादर नमन ...
मधु ȁी आनंद के वल श मा या स वो जो है चरंतन सुख व दुख से जो इतर शव त से एकाकार मन चर ाई स शात सत से चत तक का मलन । लौ उठे अंतस शख ...
धार म देश पूजा दोबारा बे हम बन जाए..... बचपन क है कु छ बात नराली, ब- से बे हम बन जाए, अपन के दल म बस जाए. च - से चहल-पहल मचाए , ...
उरपाड़ा पम बंगाल Ϗǹया पांडेय रोशनी आई थी दुन बन घर म, नये अरमान लए दल म, चार तरफ सुख क घड़ी थी, क अचानक चार घर म साटा छा गया, पत थ ...
हैदराबाद डॉ संगीता शमाǢ ज मृु पानी सी तैरती ज़दगी के कनारे दो कभी खुशी कभी गम तो कभी सुकू न कभी उीद क कहानी है जो कभी जोजहद है ज़द ...
पटना Υशरीष पाठक अजीब सी कशमकश से घर जाता ँ म सोचता ँ जब हमारे बारे म लखना चाहता ँ वो पल जो हम जी लेते है साथ और वो भी जो हम अर छ ...
सतारगंज θनशांत गहतोड़ी फटे व ह खुले के श या सभी नैन श ह खो बैठे सब रथी महारथी ह बैठे फर ु उपव समझ बैठे? पी लए अ समझ जल को जब हार ...
नई दी सं˞ा नंदी लेकन कँ हा जी? हम नह सुधरगे का नारा लेकर खड़ा हो गया इंसान जँहा जगह मली , जँहा मौका मला आँख तरेरते आ गये सारे के ...
अΥमत Υमȁ _____ अमत म बात मान लो मेरी तुम नही रह पाओगी मुझ बन जब चला जाऊं गा म खोजोगी मुझे तुम पागल जैसी कभी बहार म कभी नजार म कभ ...
ालयर MP माला अƷात बाक हर शै तो फानी है पर को भी धड़कन देद अहसास अगर हानी है ार ही ज तक जा बाक हर शै तो फानी है जब दल के दो हे हो ...
7739320850 लोहर पुर, दरभंगा बहार ाचाय- शा नके तन, दघी कला पूव, हाजीपुर, बहार ώवनोद कु मार झा तुम मल गई तो सोचने लगा । जरत थी मुझ ...
उमा 'पुपुन' घर बत करीने से सजाकर रखा है, लेकन ेम भाव से बुलाता नह कोई! अब घर म शु हवा के वेश क भी अनुमत नह फर मेहमान को बुलाए कै ...
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